नवजीवन का आगाज़.....✍
निकल आती है,
उस शाख पर भी नयी पत्तियाँ,
काटकर जिस शाख को,
माली कलम लगाता है,
🌿
कटना अंत नही, प्रारम्भ है,
नव नूतन नयी सवेर का,
ये शुरुआत है सघर्ष की,
खुद मिट्टी से पनपने की,
🌿
जब अतीत को भुला कर कलम,
वर्तमान की जमीन पर पाॅंव जमाती है, ...
उस शाख पर भी नयी पत्तियाँ,
काटकर जिस शाख को,
माली कलम लगाता है,
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कटना अंत नही, प्रारम्भ है,
नव नूतन नयी सवेर का,
ये शुरुआत है सघर्ष की,
खुद मिट्टी से पनपने की,
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जब अतीत को भुला कर कलम,
वर्तमान की जमीन पर पाॅंव जमाती है, ...