छोड़ गए यार - Left Alone
जब जरुरत थी, साथ छोड़ गए यार,
जीवन की छाया में, कहाँ बसा निराशा का इज़हार।
बचा कर रखा था उम्मीदों का सहारा,
मित्र बने अजनबी, छोड़ गए हमें हैरान।
बरसात की रातों में, छोड़ गए सपनों को,
जीवन के सफर में, बस रही अब तन्हाई को।
लोग बदल जाते हैं, साथ छोड़ते हैं हमें,
पर खुदा से मिलती है ताक़त, जो बच गई है हमें।
© Folkland
जीवन की छाया में, कहाँ बसा निराशा का इज़हार।
बचा कर रखा था उम्मीदों का सहारा,
मित्र बने अजनबी, छोड़ गए हमें हैरान।
बरसात की रातों में, छोड़ गए सपनों को,
जीवन के सफर में, बस रही अब तन्हाई को।
लोग बदल जाते हैं, साथ छोड़ते हैं हमें,
पर खुदा से मिलती है ताक़त, जो बच गई है हमें।
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