सबका अपना आसमां
राहें कुछ और संकरी होगी,
विपरीत परिस्थितयों से लड़ना होगा,
विश्वास का दामन थामना तुम!
सामने मंज़िल भी दूर होगी,
दर्रा से गुजरना होगा,
ईष्ट से हिम्मत और धैर्य मांगना तुम!
सबका अपना आसमां होगा,
जमीं भी सभी अपनी होगी,
फैला पँखों को परवाज़ दिखाना तुम!!
© सांवली (Reena)
विपरीत परिस्थितयों से लड़ना होगा,
विश्वास का दामन थामना तुम!
सामने मंज़िल भी दूर होगी,
दर्रा से गुजरना होगा,
ईष्ट से हिम्मत और धैर्य मांगना तुम!
सबका अपना आसमां होगा,
जमीं भी सभी अपनी होगी,
फैला पँखों को परवाज़ दिखाना तुम!!
© सांवली (Reena)