कुछ यूं ही,,,,
दुपहरी की घनी धूप में, कभी-कभी बारिश भी कुछ यूं ही बरस जाती है!!
ठिठुरते ,हुई सर्दी में, कभी-कभी धूप भी अनायाश निकल आती हैं!!
ना चाहते हुए, भी, कुछ यूं ही,, हो जाता है,
अच्छा लगता है, सुकून देता है,!!
यह नहीं बदल सकता, यह हो नहीं सकता,
बस हमारे कोरी कल्पना की बंदिशों में हैं।!
कुछ यूं ही हम बदले, पल भर के लिए सही,
कुछ...
ठिठुरते ,हुई सर्दी में, कभी-कभी धूप भी अनायाश निकल आती हैं!!
ना चाहते हुए, भी, कुछ यूं ही,, हो जाता है,
अच्छा लगता है, सुकून देता है,!!
यह नहीं बदल सकता, यह हो नहीं सकता,
बस हमारे कोरी कल्पना की बंदिशों में हैं।!
कुछ यूं ही हम बदले, पल भर के लिए सही,
कुछ...