कोशीशे हजार की भूलने की उसको....
कोशिशें हजार की भूलने की उसको,
वो बन कर साया मेरे साथ चलता रहा।
दूर रहने की चाहत मे,
और भी पास वो आता गया।
कभी हवाओ मे लिपटकर,
मुझे अपनी याद दिलाता रहा।
कोशिश हजार की भूलने...
वो बन कर साया मेरे साथ चलता रहा।
दूर रहने की चाहत मे,
और भी पास वो आता गया।
कभी हवाओ मे लिपटकर,
मुझे अपनी याद दिलाता रहा।
कोशिश हजार की भूलने...