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लक्ष्य पाने की लगन
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
सपनों की चादर ओढ़कर,
पैर भी थक जायेंगे
गर धूल भी लिपटाएंगे
जब खुद पे छाले पाएंगे
तब मंजिल से भी मिल पाएंगे ,
हो पथिक तुम याद रखना
ना ही रुकना, ना ही थकना
लक्ष्य पर नजरें टिकाकर
चलते ही ,बस चलते रहना ,
जोश जो तुमने जगाया ,
खुद को जो , खुद से है मिलाया
अब न डिगना, ना भटकना
लक्ष्य पर ही, तुम अब रुकना .....
लक्ष्य पर ही, तुम अब रुकना .....
© Munni Joshi
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
सपनों की चादर ओढ़कर,
पैर भी थक जायेंगे
गर धूल भी लिपटाएंगे
जब खुद पे छाले पाएंगे
तब मंजिल से भी मिल पाएंगे ,
हो पथिक तुम याद रखना
ना ही रुकना, ना ही थकना
लक्ष्य पर नजरें टिकाकर
चलते ही ,बस चलते रहना ,
जोश जो तुमने जगाया ,
खुद को जो , खुद से है मिलाया
अब न डिगना, ना भटकना
लक्ष्य पर ही, तुम अब रुकना .....
लक्ष्य पर ही, तुम अब रुकना .....
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