...

15 views

जंजीर
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर रुख ,
हवा का मोड़कर चल रहे हैं देखो हम ;

अब नहीं है हमें भय किसी का,
अपनी मंजिल को आगे बढ़ रहे हैं हम;

रूढ़िवादी सोच रखने वालों को,
अनदेखा करके आगे को क़दम बढा रहे हैं हम;

खुली हवा में ले रहे हैं सांस,
मानो जैसे एक पिंजरे से आजाद पंछी है हम;

मिल रहा है इस दिल को सुकून,
बहुत समय से अंदर ही अंदर से घुट रहे थे हम;

मिल गए हैं पंख हमें भी,
अब खुले आसमान में उड़ते ही जा रहे हैं हम;