...

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मोन स्वर बया कर सब
बोल कई होते तेरे
हा हैं तेरे कई रूप से
हरंदाज़ से पर्दा उठ रहा हैं
धीरे-धीरे ..........

सब कुछ शतरंज कि बाजी बन
मुठ्ठी...