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❣️अर्थ , व्यर्थ और समर्थ ❣️
अर्थ ,व्यर्थ और समर्थ ------

🦋अर्थ - यह है कि प्रेम का कोई
अर्थ नहीं होता और जो मतलब
में हो वो कभी प्रेम नहीं होता
जो बाहर से हँसता है वो अन्दर से
फूट फूट कर रोता है ।
हाय ये बेचैनी में ही प्यार होता है 🦋

🦚 व्यर्थ -प्यार कभी व्यर्थ नहीं जाता
हा जो बेवजह हो वही प्यार है मेरे
जीवन में भी कोई एक शख्स है
जिसे मुझसे बेवजह प्यार है और प्यार निभाना उसका व्यापार नहीं संस्कार है🦚

🐻 समर्थ- प्यार तो ना अर्थ है
ना ही व्यर्थ है सच्चा साथी हो तो
प्रेम समर्थ है वह मुझे प्यार की समझ
सीखा रहा है शिव अधूरे है शक्ति के बिना ,वो मेरे प्रेम को पवित्र बना रहा है 🐻

© 🆂hivـــ٨ﮩﮩ❤️ﮩﮩ٨ـــ🅶anga