द्वंद
ये मेरे अनुभव जनित छुपे आक्रोश किसकी कसौटी पर परखे जायेंगे
टीस मेरे मन की दूजा मन क्या समझेगा
है मेरे भी कुछ जख्म पुराने
जिनको भरने में एक उम्र गई
जो समय पर फिर हरे हो जाते है
फिर भी साहस नहीं...
टीस मेरे मन की दूजा मन क्या समझेगा
है मेरे भी कुछ जख्म पुराने
जिनको भरने में एक उम्र गई
जो समय पर फिर हरे हो जाते है
फिर भी साहस नहीं...