स्टेशन
मिलने का अपना वो वादा,
कुछ अतरंगी खयाल लिए,
तुम को सोंचते थे हम, ना
जाने क्या क्या सवाल लिए,
एक ग़मछा गले में डाल,
वीरान...
कुछ अतरंगी खयाल लिए,
तुम को सोंचते थे हम, ना
जाने क्या क्या सवाल लिए,
एक ग़मछा गले में डाल,
वीरान...