शहर
हमें पता कि कल रात में
क्या-क्या शरारत हूई शहर में
किसी कम्बख्त ने बेहद चुपके से
मेरा ईश्क मशहूर कर दिया शहर में
कोई समझाओ इन दुकानदारो को
जो मेरी कीमत तराजू में तोलते है
हम नीलाम भी हुए तो सरेआम...
क्या-क्या शरारत हूई शहर में
किसी कम्बख्त ने बेहद चुपके से
मेरा ईश्क मशहूर कर दिया शहर में
कोई समझाओ इन दुकानदारो को
जो मेरी कीमत तराजू में तोलते है
हम नीलाम भी हुए तो सरेआम...