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एक चिड़िया रोज़ आया करती थी

© akshay_maru_jonty
"एक चिड़िया" रोज़ आया करती थी ,घर की खिड़की पर जब मे छोटा था ,
और "तब सोचता दिल दिमाग से ज्यादा था।"

चिड़िया हर रोज़ आती थी और में भी रोज़ टक टकी लगाये देखता और "ये लमहा सुकून भरा सा",

चिड़िया को कुछ दिन देख सोचता ? की क्या ये रोज वाली ही है या फिर दुसरी कोई उड़ आई? पर कुछ दिन देख पहचान होने लगी .........

"उस चिड़िया से जान पहचान होने लगी , चहचाहट से...