ग़ज़ल
वक़्त को बे-वज़ह ज़ाया न करें
पत्थरों पर फूल उगाया न करें
फूल धँस जातें हैं मेरे सीने में
आप यूँ ही मुस्कुराया न करें
बच्चे रोते हैं...
पत्थरों पर फूल उगाया न करें
फूल धँस जातें हैं मेरे सीने में
आप यूँ ही मुस्कुराया न करें
बच्चे रोते हैं...