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अश्वथामा और हनुमान जी का संवाद
#युगसंवाद.... हे अंजनी के वीर पुत्र,द्रोण पुत्र तुम्हें पुकार रहा | क्या आज भी लगता हैं तुमको मुझसा ना कोई पापी यहाँ
अश्वथामा की पुकार सुन, केसरी नंदन साधना से जाग उठे,

अभी तो कलियुग का प्रथम चरण हैं, अश्वथामा क्यों पुकार उठे|
हिरण्या वेग से उड़ महावीर, अश्वथामा के पास गए,
क्या कोई संकट आन पड़ी वत्स जो तुम इतने अधीर हुए |
महावीर ने देखा उनके नेत्रों से, अश्रुधारा थी टपक रही,
प्रश्नों के अम्बार थे मुख पे े द्वन्द ह्रदय में चल रही |
हे भगवन इस युग की दशा मुझसे अब ना देखी जाती,
पापों का बढ़ता स्तर, अब मानवता ही बेचीं जाती |
मैं पापी था जो मैंने, गर्भस्त शिशु पे प्रहार...