...

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यह वो जगह जहां मुलाकातें मुकम्मल हुई थीं
#ख्वाबोंकासफर

वो जगह अब सपने दिखाती है,
जहां मुलाकात मुकम्मल हुई थी,
सर्दियाँ गुजारी जहां बाहों में बाहें डाल कर
जहां आँखों आँखों में बात हुई थी "
ख्वाहिशों का शोर मेरे दिल में धड़कता था,
हाथों की गर्मी से रात सुलगती थी,
सांसो में सांसे घुल गयी जहां पर,
वो यादें बस वहां निशान छोड गयी!!

© Nehru_neha