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ये जिंदगी
कभी कभी खुद के लिए किए गए फैसले भी गलत हो जाते हैं
साथ साथ बिताए वो सारे पल धूमिल हो जाते है,
जिंदगी की रफ्तार मे कब सुबह से शाम हो जाती है पता ही नही चलता,
फिर भी जिस शाम को जीने के लिए सुबह शुरू किया वो शाम सुबह ही रह जाती है,
इसी का नाम जिंदगी है।
किसीको समंदर भी कम लगता है
तो कोई तालाब को ही समंदर समझ लेता है,
कोई खुश रहने की चाह में सब कुछ बदलना चाहता है।
कोई जो मिला उसी मे खुश रहने की कोशिश करता है।
पर ये कोशिश भी हमे आजमाती है
फिर से जिंदगी हमे वही ले आती है।
साथ साथ बिताए वो सारे पल धूमिल हो जाते है,
जिंदगी की रफ्तार मे कब सुबह से शाम हो जाती है पता ही नही चलता,
फिर भी जिस शाम को जीने के लिए सुबह शुरू किया वो शाम सुबह ही रह जाती है,
इसी का नाम जिंदगी है।
किसीको समंदर भी कम लगता है
तो कोई तालाब को ही समंदर समझ लेता है,
कोई खुश रहने की चाह में सब कुछ बदलना चाहता है।
कोई जो मिला उसी मे खुश रहने की कोशिश करता है।
पर ये कोशिश भी हमे आजमाती है
फिर से जिंदगी हमे वही ले आती है।
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