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विश्व कविता दिवस, २१, मार्च
हां, कवि हूं

क्षण-क्षण में

तलाशता हूं, कविता

टेढ़े-मेढ़े शब्द टटोलकर ,

छैनी, हथोड़ी से

ठिठ-पाषाण शब्द तोड़कर ,

जीर्णोद्धार करता हूं

मन-मस्तिष्क की गहराई से

शब्द-शब्द गढ़ता हूं

प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से

सत्य-असत्य देखता हूं

भावनाओं का रस पीकर ,

कल्पनाओं के शहर दौड़ता हूं

लय, गति, अवधि में चलता हूं

ठाठ-बाट से शृंगार पहनाकर ,

पाठकों के समक्ष दर्शाता हूं

अद्भुत, अप्रतिम काव्य रचना ।

© -© Shekhar Kharadi
तिथि- २१/३/२०२२, मार्च

कवि की मनोभाव है कविता
विश्व के छद्म वेश का पर्दाफाश करती है कविता
कवि हृदय से निश्चित भावों का ,
शब्द रूप ही है कविता ।
संवेदना और भावनाओं को अभिव्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम कविताएं हैं ।
दुःख, पीड़ा व्यक्त करने की परिभाषा है कविता ।

विश्व कविता दिवस पर समस्त कवियों एवंम कविता प्रेमियों को सहृदय बधाई एवं शुभकामनाएं 💐💐