तुम क्यों झूठ बोल रहे हो
क्यों झूठ बोल रहे हो?
अपने आप से तुम क्यों झूठ बोल रहे हो?
तुम जानते हो न
आज जो आँशू तुम्हारे आंखों से बह रहें हैं
वो कल नही तो परसों सुख ही जायेंगे
फिर भी आज ये आँशू क्यों बहा रहे हो
तुम क्यों अंधेरा अपना रहे हो?
तुम खुद एक...
अपने आप से तुम क्यों झूठ बोल रहे हो?
तुम जानते हो न
आज जो आँशू तुम्हारे आंखों से बह रहें हैं
वो कल नही तो परसों सुख ही जायेंगे
फिर भी आज ये आँशू क्यों बहा रहे हो
तुम क्यों अंधेरा अपना रहे हो?
तुम खुद एक...