काश
एक रोज़ गलती से ही सही तुझे call हो जाए
देखते है तुझे काश एक रोज़ तू मिल जाए
झुक जाएंगे तेरे लिये आख़िर कितना
मेरी भी एक हद है काश तू ये जान जाए
ढूंढते फिरते नही किसी और को
तुम ही तो ज़हन मे हो
काश तू ये समझ जाए
ज़्यादा शोर बर्दाश्त नही होता
तेरे जाने का...
देखते है तुझे काश एक रोज़ तू मिल जाए
झुक जाएंगे तेरे लिये आख़िर कितना
मेरी भी एक हद है काश तू ये जान जाए
ढूंढते फिरते नही किसी और को
तुम ही तो ज़हन मे हो
काश तू ये समझ जाए
ज़्यादा शोर बर्दाश्त नही होता
तेरे जाने का...