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शामें इतनी खूबसूरत क्यों होती है?
डूबते हुए सूरज में इंसान अपनी तनहाइयों को भी डूबा देता है।
पूरे दिन की मजबूरियों को शाम ढलते ही मुस्कुराहट में बदल देता है।
ढलते सूरज की मीठी किरणों से।
पूरे दिन की जलन मिटा लेता हूं।
बस यूं ही डूबते सूरज को देखकर।
सारी परेशानियों के बावजूद ।
खुद को मुस्कुरा लेता हूं।
© Jay parmar
डूबते हुए सूरज में इंसान अपनी तनहाइयों को भी डूबा देता है।
पूरे दिन की मजबूरियों को शाम ढलते ही मुस्कुराहट में बदल देता है।
ढलते सूरज की मीठी किरणों से।
पूरे दिन की जलन मिटा लेता हूं।
बस यूं ही डूबते सूरज को देखकर।
सारी परेशानियों के बावजूद ।
खुद को मुस्कुरा लेता हूं।
© Jay parmar