साज़-ए-ज़िन्दगी.....
धुन कोई न थी पर साज़ आ गया
हमे भी मुस्कुराने का अंदाज़ आ गया
कभी सिसक कर रोते थे तेरे प्यार की तड़प से
पर आज तुझे भूल जाने का...
हमे भी मुस्कुराने का अंदाज़ आ गया
कभी सिसक कर रोते थे तेरे प्यार की तड़प से
पर आज तुझे भूल जाने का...