तन्हा लम्हे
जुदाई सेहनीआसान नहीं होती दोस्तों
कुछ सवाल जवाब मैं ख़ुद से ही कर लिया करती हूँ
जब याद करते रेहना ही मुक़द्दर है हमारी मोहब्बत का,
तो क्युँ ना तुझे हँस कर याद किया जाए?
जब बेपनाह दर्द और आँंसू ही है सौगा़त हमारी मोहब्बत की,
तू क्यों ना मुस्कुरा कर इस दर्द से लड़ा जाए?
जब तन्हा लम्हों में गीतों और...
कुछ सवाल जवाब मैं ख़ुद से ही कर लिया करती हूँ
जब याद करते रेहना ही मुक़द्दर है हमारी मोहब्बत का,
तो क्युँ ना तुझे हँस कर याद किया जाए?
जब बेपनाह दर्द और आँंसू ही है सौगा़त हमारी मोहब्बत की,
तू क्यों ना मुस्कुरा कर इस दर्द से लड़ा जाए?
जब तन्हा लम्हों में गीतों और...