भागी लड़की
गुलशन में अब रंग बू बहार नहीं है।
चटकी हुई कली का यार नहीं है।
तितलियां बेपर्दा जब से आ गयीं।
अब हवस है बाकीं प्यार नहीं है।
बिजली गिर जाती थी मिज़गासे?
...
चटकी हुई कली का यार नहीं है।
तितलियां बेपर्दा जब से आ गयीं।
अब हवस है बाकीं प्यार नहीं है।
बिजली गिर जाती थी मिज़गासे?
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