बरसात
जब जब झपके तेरी आँखे
नशा कुछ ऐसा मुझपे चढ़ता है
चाह कर भी मैं रोक ना पाऊं
जाने क्या...
नशा कुछ ऐसा मुझपे चढ़ता है
चाह कर भी मैं रोक ना पाऊं
जाने क्या...