...

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कश्ती
कभी-कभी इन
हवाओ की कश्ती,
बदलती है।
कोई गिरता है तो
किसी को नई कश्ती
मिलती है।
कश्ती है हवाओं में
सपने हैं बड़े-बडे,
इरादें है आसमानों को छूने के,
पत्थर से तारा बनने के।
अपने सपने को बातों में ना दबाकर
उन्हें सच करने के लिए,
अपनी उड़ान को और लम्बा कर
और अपने सपनों के लिए
उड़ जा।-अरोही