स्वाधीनता
सुदीर्घ हो बढ़ते रहे,
कदम हमारे चलते रहे।
नीव पड़ी जो विकास कि ,
उस ओर हम सुपथ चले।
नित्यनुत्न चिरपुरातन,
है संस्कृति हमारी,
माँ भारती वंदन तेरा,
माँ भारती हमारी।
व्याप्त है देखो ये भारत,
ईश्वर का...
कदम हमारे चलते रहे।
नीव पड़ी जो विकास कि ,
उस ओर हम सुपथ चले।
नित्यनुत्न चिरपुरातन,
है संस्कृति हमारी,
माँ भारती वंदन तेरा,
माँ भारती हमारी।
व्याप्त है देखो ये भारत,
ईश्वर का...