...

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स्वाधीनता
सुदीर्घ  हो बढ़ते रहे,
कदम हमारे चलते रहे।
नीव पड़ी जो  विकास  कि ,
उस ओर हम सुपथ चले।

नित्यनुत्न चिरपुरातन,
है संस्कृति हमारी,
माँ  भारती वंदन तेरा,
माँ  भारती  हमारी।

व्याप्त है देखो ये भारत,
ईश्वर का आशीर्वाद है।
विश्व मे है गूंज रहा  ,
"ऊँ" का आवाज है।

फैल रहा मेरा तिरंगा ,
ये यात्रा महान है।
है आह्वान आपका,
आपका हि गुणगान है।

आओ धमक हमारा देखो,
इस माटी की शक्ति  देखो,
सिचा जिसको भक्ति  ने है,
उस माटी की सिद्धी देखो।

आ गया वो सुअवसर  ,
जिसे हम मनाने आए है,
आप सबको सहृदय  बधाई,
स्वाधीनता जो पाए है।
© श्रीहरि