...

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"मांँ शारदे की वंदना"
करुं वंदन तेरा मेरी शारदे माँ,जरा ज्योत तो जलने दे,
लिख दूँगी मैं माँ तेरा गीत नया,मेरी क़लम तो चलने दे!

तू है स्वर की देवी हे शारदे माँ, तुझसे ही सजा संगीत सदा,
हर शब्द मिला तुझसे ही मुझे,तुझसे ही मिली लिखने की कला
गुनगुनाऊंगी माँ मैं होठों पे तुझे, मेरा सुर तो सजने दे,
लिख दूँगी मैं माँ तेरा गीत नया, मेरी क़लम तो चलने दे!

तुझसे ही तो माँ सब ज्ञान मिला,हर अच्छे बुरे का भान मिला,
कुछ लाए नही,ले जाना नही,ज़िंदगी से करें क्यूँ शिकवा गिला,
बांटूंगी मैं माँ जग में खुशियाँ बहुत, दिल में प्रेम तो भरने दे,
लिख दूँगी मैं माँ तेरा गीत नया, मेरी क़लम तो चलने दे.!

तुझसे ही जुड़ी माँ आस्था मेरी,बरसे मुझपे सदा माँ रहमत तेरी,
बसो कंठ में मेरे, बन जाओ क़लम की माँ स्याही मेरी,
पा लूंगी तुझे मैं अंतस में माँ, जरा ध्यान तो धरने दे,
लिख दूँगी मैं माँ तेरा गीत नया, मेरी क़लम तो चलने दे!

करूं वंदन तेरा हे शारदे माँ, जरा ज्योत तो जलने दे..
लिख दूँगी मैं माँ तेरा गीत नया,मेरी क़लम तो चलने दे!