...

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दोस्त और दोस्ती
हाँ मतलबी तो मतलबी ही सही पर दोस्ती थी तो सही,
आज न मतलब रहा न दोस्ती रही , फिर भी दोस्ती वही..
दोस्त कहाँ है, कैसे हैं,किस हाल में है पता ही नहीं , ऐसा नहीं की मिलतै -मिलाते नहीं, कोल नहीं, मेसेज नही सब कुछ हैं,
पर पहले जैसी दोस्ती में वो बात नहीं,
फिर भी, आज भी दोस्त वही और दोस्ती भी वही......
© d. k. makvana