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मोहन सी प्रीति

#दिनांक:-3/8/2024
#शीर्षक:-मोहन सी प्रीति।

मन का भोलापन कैसे बताए,
कभी खिला-खिला कभी मुरझाए।

कहता नहीं फिर भी कहना चाहे,
बिन जाने सुने तर्कसंगत बन जाए।

गम का छांव लिपटस सा लिपट ले,
तो अनमना मन कभी रूदन को चुन ले।

संघर्ष से डरता नहीं फिर भी अग्रसर नहीं,
तूफानो से भिड़ता पर विचार करता नहीं ।

कभी खुशी...