...

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ईश प्रेम
नाकामी ही कहा जाए इसे मेरी
इश्क़ को ईश तक ना पहुंचा पाए।

जन्नत में सैर करने की तमन्ना पाली
गुमान को जमीं तक ना झुका पाए।

कंजूसी की हद्दें पार करदी
प्रेम के मालिक कतरा भी ना लुटा पाए।
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