व्यथित मन
व्यथित मन को लेकर अपने केनवास में,
जिंदगी जीने की तमन्ना जैसे खत्म हो गई थी |
किसी चरवाहे ने डंडे से केनवास में यूँ मारा कि डंडे की कील से केनवास फट गया और एक पतली सी सूरज की तेज किरण मेरी आँखों पे पड़ी,
वो किरण जैसे जीने का सहारा बन गई हो,
नज़र...
जिंदगी जीने की तमन्ना जैसे खत्म हो गई थी |
किसी चरवाहे ने डंडे से केनवास में यूँ मारा कि डंडे की कील से केनवास फट गया और एक पतली सी सूरज की तेज किरण मेरी आँखों पे पड़ी,
वो किरण जैसे जीने का सहारा बन गई हो,
नज़र...