रात पूनम
रात पुनम की ओर महताब
आज जाने क़्यू बाम पे
मेरा यार ना आया,,
अँधेरा ही अँधेरा एसा छाया
लगता है काली घटा ने आज फिर
उसे अपने आशियाने...
आज जाने क़्यू बाम पे
मेरा यार ना आया,,
अँधेरा ही अँधेरा एसा छाया
लगता है काली घटा ने आज फिर
उसे अपने आशियाने...