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स्वीकार
#स्वीकार #हिंदीउर्दू #रिलेशनशिप
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
सिर्फ मिठी बातों से ज़िंदगी कहां चलते?
इश्क़ नाम है आग का दरिया का,
क़दम से क़दम मिला के पार जाना होगा,
धूप, चांव है नाम ज़िंदगी का,
हज़ार ख्वाहिसों को रोज मरना पड़ेगा,
हुनर तो स्वीकार है सबको,
तेरे ऐब भी उसको स्वीकारना होगा।
© Meraki
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
सिर्फ मिठी बातों से ज़िंदगी कहां चलते?
इश्क़ नाम है आग का दरिया का,
क़दम से क़दम मिला के पार जाना होगा,
धूप, चांव है नाम ज़िंदगी का,
हज़ार ख्वाहिसों को रोज मरना पड़ेगा,
हुनर तो स्वीकार है सबको,
तेरे ऐब भी उसको स्वीकारना होगा।
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