इंतज़ार ......
कुछ कागज़ के पन्नो पे
मेने बाते लिखी थी
कुछ जज्बातों से
कुछ मिले अनुभवों से लिखी थी
कलम की सियाहि से
मेने अपनी कहानी लिखी थी
उस हर एक खत पर
तेरे लोट आने की दुआ लिखी थी
जंग के मैदानों पे से
तेरे सुरक्षित घर लोट आने के बाद
कैसे बिताने है लम्हे
उसकी ख्वाइशे लिखी थी
कुछ कागज़ के पन्नो...
मेने बाते लिखी थी
कुछ जज्बातों से
कुछ मिले अनुभवों से लिखी थी
कलम की सियाहि से
मेने अपनी कहानी लिखी थी
उस हर एक खत पर
तेरे लोट आने की दुआ लिखी थी
जंग के मैदानों पे से
तेरे सुरक्षित घर लोट आने के बाद
कैसे बिताने है लम्हे
उसकी ख्वाइशे लिखी थी
कुछ कागज़ के पन्नो...