समय
एक समय वो भी होगा, जब तुम हतोत्साहित हुए बैठे होगे
किसी भावनात्मक सहारे की आस में, स्वयं को नितांत
अकेला स्वीकार ।
एक समय वो भी होगा, जब वहीं तुम घिरे होगें, ...
किसी भावनात्मक सहारे की आस में, स्वयं को नितांत
अकेला स्वीकार ।
एक समय वो भी होगा, जब वहीं तुम घिरे होगें, ...