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सफर यह अधूरा रह गया
सफर यह अधूरा रह गया,
जाना था मंजिल तक पर यह अधूरा रह गया ,
साथ चलते-चलते साथ ये क्यों छूट गया ,
जाना था पूरा पर यह अधूरा रह गया।
किसकी थी खता किसका था दोष,
यह तब ना समझे अब आया होश,
खामियां ढूंढने में ही तब वक्त बीत गया, जाने क्यों पर यह सफर अब अधूरा रह गया
हमदम की तलाश में आज फिर भटक रहे ,
पुरानी किए गलतियों के कारण आज वही अट रहे,
बिना मेरे माफी मांगे वह मुझे छोड़ चले गए,
हमेशा रह गया पछतावा यह सफर अब अधूरा रह गया।
जीते जी नहीं मांग पाई मैं उससे माफी,
उसके मरने के बाद मांगना माफी होगा नाइंसाफी,
रूठ कर वो मुझे अकेला छोड़ गया ,
मेरा यह सफर यूं ही अधूरा रह गया।
मेरा यह सफर यूं ही अधूरा रह गया।।
© Sneha Bhadra
जाना था मंजिल तक पर यह अधूरा रह गया ,
साथ चलते-चलते साथ ये क्यों छूट गया ,
जाना था पूरा पर यह अधूरा रह गया।
किसकी थी खता किसका था दोष,
यह तब ना समझे अब आया होश,
खामियां ढूंढने में ही तब वक्त बीत गया, जाने क्यों पर यह सफर अब अधूरा रह गया
हमदम की तलाश में आज फिर भटक रहे ,
पुरानी किए गलतियों के कारण आज वही अट रहे,
बिना मेरे माफी मांगे वह मुझे छोड़ चले गए,
हमेशा रह गया पछतावा यह सफर अब अधूरा रह गया।
जीते जी नहीं मांग पाई मैं उससे माफी,
उसके मरने के बाद मांगना माफी होगा नाइंसाफी,
रूठ कर वो मुझे अकेला छोड़ गया ,
मेरा यह सफर यूं ही अधूरा रह गया।
मेरा यह सफर यूं ही अधूरा रह गया।।
© Sneha Bhadra
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