...

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"जिंदगी की राह में चलती गई"
आँधी, तूफान और बारिशों में बढ़ती गई,
बदलते मौसम के साथ बदलती गई,
जिंदगी की राह में चलती गई।
हवा के झोकों कि बात सुनती गई,
पतझड़ बनके ठहर सी गई,
पर जिंदगी की राह में चलती गई।
पत्थरों से ठोकर खा कर गिर भी गई,
फिर उठकर आगे बढ़ती गई,
जिंदगी की राह मे चलती...