...

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जीवन में प्यार तुम्हीं से है
तुम दूर रहो या पास रहो
जीवन में करार तुम्हीं से है।
तुम दिल की धड़कन हो
जीवन में प्यार तुम्हीं से है।

तुम आफताब हो हूर परी हो
मेरे गीतों की मधुशाला,
तुम्हें देखने को मन तरसे ज
ीवन में बहार तुम्हीं से है।

जीवन के उजले पन्ने पर
अंकित अमिट कहानी हो,
मेरी चाहतों की सुरबाला
उल्फत में इजहार तुम्हीं से है।

मेरे जीवन रूपी दर्पण की
इक प्यारी सी तुम प्रतिमा हो,
गुलशन तुमसे महक रहा है
मेरा घर संसार तुम्हीं से है।

तुमको पाकर सब कुछ पालूँ त
तुम हो आखिरी चाह मेरी,
'राकेश' ये कैसा नाता है
अब सारा व्यवहार तुम्ही से है।

© राकेश कुमार सिंह