महा शिवरात्रि
क्यों पहनी सर्पों की माला
ओढ़े रहे बस यूँ मृगछाला
गरल भँयकंर गले में डाला
गंगा को जटा में सम्भाला
भांग धतूरे का सेवन
त्रिनेत्र से काम दहन
चन्द्रमा का नित नमन
पौरुष के प्रतीक गहन
सभी सिद्धियों का संग
भूत प्रेत नही करते...
ओढ़े रहे बस यूँ मृगछाला
गरल भँयकंर गले में डाला
गंगा को जटा में सम्भाला
भांग धतूरे का सेवन
त्रिनेत्र से काम दहन
चन्द्रमा का नित नमन
पौरुष के प्रतीक गहन
सभी सिद्धियों का संग
भूत प्रेत नही करते...