तेरी जिक्र
सुनो!!
सालों बाद देखी तेरी तस्वीरें,
पर तेरे तस्वीरों से मुहब्बत अब हो नहीं पाया।
रोज आया तू ख़्वाबों में,
पर मैं तेरे करीब ना आ पाया।
दुबे रहते थे हम तुझमें और तेरे खयालों में,
आज रूबरू हुए तुझसे ,
पर मुलाकात क्यों...
सालों बाद देखी तेरी तस्वीरें,
पर तेरे तस्वीरों से मुहब्बत अब हो नहीं पाया।
रोज आया तू ख़्वाबों में,
पर मैं तेरे करीब ना आ पाया।
दुबे रहते थे हम तुझमें और तेरे खयालों में,
आज रूबरू हुए तुझसे ,
पर मुलाकात क्यों...