...

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हाल-ए-दिल
अपना हाल-ए-दिल उन्हें सुना भी नहीं पाते
ज़ख्म भी खाते है
और दर्द बता भी नहीं पाते
उन्हें रोते हुए देख भी नहीं सकते
और उनके आंसू पोंछ भी नहीं पाते
उनकी मुस्कराहट पर मर जाते हैं हम
पर उनकी मुस्कुराहट की वजह बन नहीं पाते
उनके पास रह भी नहीं सकते
और उनसे दूर जा भी नहीं पाते
उनसे बेवफाई भी नहीं करते
और उनसे वफा भी कर नहीं पाते
चाहते भी हैं उन्हें
पर उनसे मोहब्बत भी कर नहीं पाते
अपने दिल से उनके दिल तक की
राह चुन भी नहीं पाते
ये कैसी कशमकश है खुदा
जो अपना हाल-ए-दिल उन्हें सुना भी नहीं पाते ।।
© Tanshi_a_secret