...

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अब इस दिल के रास्ते का रुख मत करना।
आज से ठीक 10 साल, 9 महीने और 22 दिन पहले,
पहली मुलाकात हुई थी,
शब्द ज़्यादा नही थे, आँखों ही आँखों में कुछ बात हुई थी।

टूटते रिश्ते है, बिखरता इंसान है,
इसलिए उन्न यादों को ताज़ा मत करना।

ज़ख्म जो तुमने दिए है, उन्हें भरने की कोशिश मत करना।
अब इस दिल के रास्ते का रुख मत करना

सब कुछ बताया था तुम्हे,
अपने हर दुख ,हर खुशी,
हर आँसू, हर हँसी
का एहसास तुम्हारे साथ बाँटा था।
रो देता हूँ कभी कभी याद करके वो पल जो साथ गुज़ारे थे,
मगर इसे मेरी कमज़ोरी मत समझना।

ज़ख्म जो तुमने दिए है, उन्हें भरने की कोशिश मत करना।
अब इस दिल के रास्ते का रुख मत करना।

मैं तो पास ही था, दूर तो तूने किआ था।
घुटनो के बल झुका था,
मैं जानता हूँ मैने कैसे हर एक पल जिया था।

उस वक़्त नही समझा तूने आज भी समझने की कोशिश मत करना।
अब इस दिल के रास्ते का रुख मत करना।

शायद प्यार वो भी करता होगा, पर जिस कदर मैने किआ था, किसी से उसकी उम्मीद मर रखना,
और उम्मीदों पर खड़ा ना उतरे तुम्हारी वो, तो मुझे याद मत करना,
गलती से भी, भूलकर
अब इस दिल के रास्ते का रुख मत करना।

© inked_heights