अब इस दिल के रास्ते का रुख मत करना।
आज से ठीक 10 साल, 9 महीने और 22 दिन पहले,
पहली मुलाकात हुई थी,
शब्द ज़्यादा नही थे, आँखों ही आँखों में कुछ बात हुई थी।
टूटते रिश्ते है, बिखरता इंसान है,
इसलिए उन्न यादों को ताज़ा मत करना।
ज़ख्म जो तुमने दिए है, उन्हें भरने की कोशिश मत करना।
अब इस दिल के रास्ते का रुख मत करना
सब कुछ बताया था तुम्हे,
अपने हर दुख ,हर खुशी,
हर आँसू, हर हँसी
का एहसास तुम्हारे साथ बाँटा था।
रो...
पहली मुलाकात हुई थी,
शब्द ज़्यादा नही थे, आँखों ही आँखों में कुछ बात हुई थी।
टूटते रिश्ते है, बिखरता इंसान है,
इसलिए उन्न यादों को ताज़ा मत करना।
ज़ख्म जो तुमने दिए है, उन्हें भरने की कोशिश मत करना।
अब इस दिल के रास्ते का रुख मत करना
सब कुछ बताया था तुम्हे,
अपने हर दुख ,हर खुशी,
हर आँसू, हर हँसी
का एहसास तुम्हारे साथ बाँटा था।
रो...