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तुझे खोने का गम,,,
उजाले नाराज़ हो गए तो अंधेरों में जी लिया हमने,,
किया गिला न ही शिकवा, लबों को सी लिया हमने,,
मुलाकात से पहले ही बिछड़ना पड़ा उससे,,,
जिसे पाया ही न था उसे खो दिया हमने,,
आवाज की लार्जिश और आंखों का पानी,
सब छुपाया, बोला ना देखा, बस मुस्कुरा दिया हमने,,
तुझ से मंसूब हर शय लौटा दी, मिटा दी मगर,,
निशानी के तौर पर तेरी तस्वीर को बचा लिया हमने,,
पाने की तमन्ना नहीं मगर तू अज़ीज़ है इस कदर,
के तुझे खोने का गम दिल से लगा लिया हमने,,
© Tahrim
किया गिला न ही शिकवा, लबों को सी लिया हमने,,
मुलाकात से पहले ही बिछड़ना पड़ा उससे,,,
जिसे पाया ही न था उसे खो दिया हमने,,
आवाज की लार्जिश और आंखों का पानी,
सब छुपाया, बोला ना देखा, बस मुस्कुरा दिया हमने,,
तुझ से मंसूब हर शय लौटा दी, मिटा दी मगर,,
निशानी के तौर पर तेरी तस्वीर को बचा लिया हमने,,
पाने की तमन्ना नहीं मगर तू अज़ीज़ है इस कदर,
के तुझे खोने का गम दिल से लगा लिया हमने,,
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