...

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कुंवारी रह गई है...❤️❤️✍️✍️ (गजल)
क्या मेरी कलाकारी रह गई है
बस यही कलमकारी रह गई है

मोहब्बत दिलों में दिखती नहीं
खामखां ये अदाकारी रह गई है

लो जा रहे हैं तुम्हारी जिंदगी से
क्या आरज़ू कोई तुम्हारी रह गई है

घूम कर जहां में बता तू 'सत्या'
किस दिल में वफादारी रह गई है

प्यार -व्यार चला गया तेल लेने
सबकी सिक्कों से यारी रह गई है

रोज खुशियां मांगती है इस जहां से
जिन्दगी बन के भिखारी रह गई है

पूछ कर तो देखो इश्क वालों से
हंसते चेहरों पे लाचारी रह गई है

दिल भी जख्मी पड़ा है अंदर से
ये आंख रोती बेचारी रह गई है

न हो पाया दो दिलों का मिलन
बस मोहब्बत कुंवारी रह गई है

खुशियों उसने बांट दी अपनों को
मेरी गमों में हिस्सेदारी रह गई है

तीसरा आता नहीं ,होता है बस
अब प्यार में मारामारी रह गई है



© Shaayar Satya