Kuch Rishtein Ese bhi
दोस्ती का कारवां मत पूछो जनाब,
दोस्ती की कोई सीमा नहीं।
दोस्त मुसीबत में दोस्ती निभा जाए,
उससे बड़ा कोई नगीना नहीं।।
होते है कुछ रिश्ते जो दोस्ती से बढ़कर निभाए जाते है,
जिनके लिए हम सब कुछ सह जाते है।
चाहे कितने भी दूर क्यूं ना हो,
पर एक दूसरे के लिए दुनिया से लड़ जाते है।।
हां दूरियां बहुत है दोनों के बीच,
पर दोनों के दिल एक दूसरे के लिए धड़कते है।
दूर रह कर भी वो बातों ही बातों में मिल लिया करते है,
इसी को वो असली प्यार कहा करते है।।
होता है बहुत बार जब नहीं हो पाती है बात,
पर इस को चुनौति समझ कर लेते है स्वीकार।
करना पड़ता हैं इंतजार बहुत,
पर इसी को रिश्ते की निव समझ सह लेते हैं हर बार।।
उसकी खुशी में खुद की खुशी ढूढ़ लिया करते है,
अपने गम भूल उसके गम में जुड़ जाया करते है।
उसको कुछ हो जाए तो उससे ज्यादा तकलीफ हमें होने लगती है,
उसके बिना जैसे ज़िन्दगी सुनी लगती है।।
फिर आता है मिलने का दिन।।।
दोनों की धड़कने तेज सी हो जाती है,
एक दूसरे को देख आंखे भर आती है।
दिल कहता बहुत कुछ है पर लफ्ज़ निकल नहीं पाते है,
ओर इतने में समय खत्म हो जाता है ओर फिर से जुदाई ही साथ आती है।।
महीनों के इंतजार के बाद मिलना होता है,
जिसको फोन में देखते थे वो सामने आजाता है।
देखते देखते आंखे थकती नहीं,
लेकिन समय का पहिया बहुत जल्दी भागता है।
दोस्ती की कोई सीमा नहीं।
दोस्त मुसीबत में दोस्ती निभा जाए,
उससे बड़ा कोई नगीना नहीं।।
होते है कुछ रिश्ते जो दोस्ती से बढ़कर निभाए जाते है,
जिनके लिए हम सब कुछ सह जाते है।
चाहे कितने भी दूर क्यूं ना हो,
पर एक दूसरे के लिए दुनिया से लड़ जाते है।।
हां दूरियां बहुत है दोनों के बीच,
पर दोनों के दिल एक दूसरे के लिए धड़कते है।
दूर रह कर भी वो बातों ही बातों में मिल लिया करते है,
इसी को वो असली प्यार कहा करते है।।
होता है बहुत बार जब नहीं हो पाती है बात,
पर इस को चुनौति समझ कर लेते है स्वीकार।
करना पड़ता हैं इंतजार बहुत,
पर इसी को रिश्ते की निव समझ सह लेते हैं हर बार।।
उसकी खुशी में खुद की खुशी ढूढ़ लिया करते है,
अपने गम भूल उसके गम में जुड़ जाया करते है।
उसको कुछ हो जाए तो उससे ज्यादा तकलीफ हमें होने लगती है,
उसके बिना जैसे ज़िन्दगी सुनी लगती है।।
फिर आता है मिलने का दिन।।।
दोनों की धड़कने तेज सी हो जाती है,
एक दूसरे को देख आंखे भर आती है।
दिल कहता बहुत कुछ है पर लफ्ज़ निकल नहीं पाते है,
ओर इतने में समय खत्म हो जाता है ओर फिर से जुदाई ही साथ आती है।।
महीनों के इंतजार के बाद मिलना होता है,
जिसको फोन में देखते थे वो सामने आजाता है।
देखते देखते आंखे थकती नहीं,
लेकिन समय का पहिया बहुत जल्दी भागता है।