...

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जिये जा‌ रहें हैं...
जिये जा‌ रहें हैं, बस जिये जा रहें हैं
जहर सी जिन्दगी, पिये जा रहें हैं

ग़म से कह दो, ग़म न करे
है जो ज्यादा तो, कम न करे
रोक लो आंसुओं को, थाम‌ कर बाजुओं को
इस ग़म में आंख, नम न करे
बेक्रद सी जिन्दगी, लिये जा रहें हैं
जिये जा‌ रहें हैं, .....

रंज से कहना, रंज न करना
बस मुस्कुरा लो, तंज न करना
रोक न कदमों को, दाब कर जख्मों को
इस रंज में साख, भंज न करना
सबर ही जिन्दगी, किये जा रहें हैं
© विपिन कुमार सोनी
03/21.05.2024