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कुछ बूंद मोहब्बत...
थोड़ी सी रहमत हम पर भी।
हो साकी इनायत हम पर भी।
छिड़का दे अपने सागर से।
कुछ बूंद मोहब्बत हम पर भी।।
करते हैं मोहब्बत टूट के हम।
टूटेगी कयामत हम पर भी ।।
हम इश्क से बचते फिरते थे।
लो आ गई आफत हम पर भी।।
© राम अवतार "राम"
हो साकी इनायत हम पर भी।
छिड़का दे अपने सागर से।
कुछ बूंद मोहब्बत हम पर भी।।
करते हैं मोहब्बत टूट के हम।
टूटेगी कयामत हम पर भी ।।
हम इश्क से बचते फिरते थे।
लो आ गई आफत हम पर भी।।
© राम अवतार "राम"
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