...

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प्यार की गुहार….
एह खुदा तुमने भी अजीब ईनामित की है,
किसी को उखाड़ कर
किसी की झोली खुशीयो से भरदी है ॥
कोई रोता है तुमारी दुनिया में
खुशीयो को वेच कर,
किसी के नाम पे तुमने
फूलों की बहार कर दी है ॥

अकसर देखा है तुझे
रोते हुए को और रोलाते हुए,
क्या उसके दिलसे
आपके लिये दुआएँ निकलती होगी ॥
माना के तुम करता धरता हो
इस खुबसूरत दुनिया के,
कभी तुझे भी
अैसी चोट से आहट निकलती तो होगी ॥

मैं ये भी मानता हूँ
कि तुम खुशीयां देते हो हर किसी के नसीब में,
क्या किसी को इत्ना छोटा नसीब देते हो
पल बर की खुशीयो के लिये ॥
मैं तो ये भी मानता हूँ
कि तुम ने करम दिये हैं हर किसी के नसीब में,
क्या किसी के करम अच्छे या बुरे होते है
किसी के प्यार को पाने के लियें ॥

एक और सिक्वा हैं तुझपे "जिंद" को
प्यार के नाम पर दुनिया चलाने वाले का,
दिल क्यों दिया हर किसी को
अगर दिया है तो दुसरे की चाहत के लिये ॥
ना वो जीता है ना वो मरता नाम लेता है
काफिर उस चाहत करने वाले का,
बेताव से क्यों हो जाते है सभी
इस चाहत को पाने के लिये ॥


#जलते_अक्षर


© ਜਲਦੇ_ਅੱਖਰ✍🏻