अब केसे यकिन दिलाऊं मैं
क्या पता था एक दिन ये दुनिया
मेरे लिखे गानों की शोकिन होगी
तुमसे अगर मैं कुछ कह दूं तो
मेरे लिखे गानों की तोहिन होगी
हर जुबां पर मेरी ही नज़्म है
किस किस को बतलाऊं मैं
मेरी लिखी नज़्म तुम सुनते हो
अब केसे यकिन दिलाऊं मैं
झूठ अगर मैं बोल रहा
...
मेरे लिखे गानों की शोकिन होगी
तुमसे अगर मैं कुछ कह दूं तो
मेरे लिखे गानों की तोहिन होगी
हर जुबां पर मेरी ही नज़्म है
किस किस को बतलाऊं मैं
मेरी लिखी नज़्म तुम सुनते हो
अब केसे यकिन दिलाऊं मैं
झूठ अगर मैं बोल रहा
...